पिछले एक महीने से सीमेंट ढुलाई को लेकर मालभाड़े पर उपजा विवाद थमता नहीं दिख रहा। अब सरकार की ओर से तय मालभाड़े की दरों को लेकर एसीसी और अंबुजा में माल ढुलाई का कार्य कर रही यूनियनें में आपस भिड़ गई हैं। दोनों के बीच विवाद इतना ज्यादा गया है बढ़ कि है।
- उद्योग मंत्री ने मंगलवार को बरमाणा का दौरा किया स्थगित।
- अब दोनों यूनियनों को शिमला बुलाकर निकालेंगे हल।
उद्योग मंत्री ने भी मंगलवार को बरमाणा का दौरा स्थगित कर दिया। अब यूनियनों को शिमला बुलाकर वार्ता करने की तैयारी है ताकि बीच का हल निकालकर इस गतिरोध को खत्म किया जा सके। जानकारी यह निकल कर सामने आई है कि हाल ही में कुछ दिन पहले शिमला में यूनियनों को बुलाया गया था।
इस मीटिंग में दाड़लाघाट से यूनियन के पदाधिकारी तो पहुंच गए, लेकिन बरमाणा से नहीं पहुंचे। बाद में जब पता चला तो यह सामने आया कि इन्हें इस मीटिंग की जानकारी नहीं दी गई थी, जिसके बाद अब यूनियन के पदाधिकारी नाराज हो गए हैं और जो मालभाड़ा सरकार ने तय किया था, उसे मानने से इनकार कर रहे हैं।
ऐसे में अब शिमला में दोनों जगहों की यूनियनों के पदाधिकारियों को बुलाकर वार्ता करने की तैयारी में है ताकि मामले को सुलझाया जा सके। यही वजह भी रही कि मंत्री हर्षवर्धन चौहान मंगलवार को बिलासपुर के बरमाणा में नहीं गए। अब सीएम सुक्खू के शिमला वापस आने का इंतजार है ताकि इस मसले का कुछ हल निकाला जा सके।
बिलासपुर में बनाया जा रहा राजनीतिक मुद्दा
बिलासपुर जिला में ऑपरेटरों ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना भी शुरू कर दिया है। यहां पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीति की जा रही है। सरकार की और से भी दोनों पक्षों के नेताओं को राजनीति न करने को कहा गया है ताकि इस मुद्दे को सुलझाया जा सके, क्योंकि यह लोगों के रोजगार से जुड़ा मामला है।सरकार को बिना बताए बंद कर दिए कारखाने
ऑपरेटरों के बीच आपसी बातचीत न बन पाने के कारण मामला लटक सा गया है। बावजूद इसके सरकार मध्यस्थता कर मामले को सुलझाने में लगी हुई है। ऑपरेटरों के साथ लगातार बातचीत चल रही है। - हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री