अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने शुक्रवार को एक फैसला सुनाते हुए नाबालिग लड़की को भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। फैसले के बारे में जानकारी देते हुए जिला उप न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि 7 अक्तूबर, 2021 को पीड़िता बिना बताए घर से कहीं चली गई।
माता-पिता ने अपनी बेटी की तलाश गांव व आसपास के इलाके में की, लेकिन उसका कहीं भी कोई पता न चला। माता पिता ने इसकी सूचना पुलिस थाना में दी, जहां पर गुमशुदगी की रपट दर्ज की गई। पीड़िता की तलाश पुलिस ने अमल में लाई, जो लोकेशन के आधार पर आरोपी के गांव भगावट में आरोपी के साथ मिली। इसके बाद पीड़िता का मेडिकल और चीफ ज्यूडीशियल किन्नौर के समक्ष बयान कलमबद्ध करवाए गए।मामले की तफ्तीश थाना प्रभारी राजेंद्र ठाकुर किन्नौर ने अमल में लाई । तफ्तीश के दौरान सभी गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए गए। वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए सभी प्रदर्शों को एसएफएल जुन्गा भेजा गया।
चालान अदालत में पेश करने के बाद 18 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए गए। सभी साक्ष्यों के आधार पर अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि आरोपी ने नाबालिग, जिसकी उम्र 15 वर्ष थी, को अगवा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जो पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3) के तहत जुर्म है।
अदालत ने दोष साबित होने पर आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई है। सरकार की ओर से मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की।