हिमाचल में अगले वित्त वर्ष से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव है। राज्य बिजली बोर्ड पर पड़ रहे अतिरिक्त प्रभार के चलते यहां पर बिजली महंगी होगी। बोर्ड ने अपनी ओर से बिजली नियामक आयोग को अपना टैरिफ दे दिया है और इसके मुताबिक ही इजाफा मांगा है, जिसमें 1035 करोड़ की बढ़ोतरी बोर्ड ने चाही है। अब नियामक आयोग पर निर्भर करेगा कि वो कितनी बढ़ोतरी देता है, परंतु यह तय है कि बिजली का हाई तक वोल्टेज झटका जरूर लगेगा।
बड़ी बात यह है कि इस बार झटका घरेलू उपभोक्ताओं जोकि 125 यूनिट बिजली इस्तेमाल करते हैं, को नहीं लगेगा। उनके लिए बिजली मुफ्त है, परंतु इसका सरकार को पड़ेगा। खामियाजा अधिक भुगतना सरकार इस पूरे भार को वहन करेगी। बिजली बोर्ड के प्रस्तावित टैरिफ पर नजर दौड़ाएं तो अगले वित्त वर्ष में 0 से 125 यूनिट तक बिजली पर 60 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी मांगी गई है, तो वहीं 125 से 300 यूनिट तक 93 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। ये दरें आम जनता को वहन करनी होंगी।
घरेलू उपभोक्ता के लिए इतना इजाफा हुआ तो बेहद मुश्किल हो जाएगी। कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए बोर्ड ने अपने टैरिफ में 1 रुपये 59 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा मांगा है, वहीं उद्योगों के लिए भी 1 रुपये 70 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली की दरों में बढ़ोतरी मांगी गई है। कृषि क्षेत्र में 1 रुपये 15 पैसे प्रति यूनिट तक रेट बढ़ाने का आग्रह किया गया है।
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नियामक आयोग बिजली बोर्ड के प्रस्तावित टैरिफ और तय करेगा कि पर जन सुनवाई करेगा आखिर कितनी बढ़ोतरी किस तरह से की जा सकती है। वैसे कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की जनता से वादा कर रखा है कि वह सत्ता में आने के बाद 300 यूनिट तक बिजली को मुफ्त करेगी। अब देखना होगा कि उस पर सरकार कब फैसला लेती है। इससे पहले बिजली बोर्ड ने नियामक आयोग को अपना टैरिफ सौंप दिया है, जिस पर आयोग मार्च महीने तक फैसला लेगा। बोर्ड की ओर से पूरे वित्त वर्ष के लिए 6514.92 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया गया है। यानी बोर्ड पर इतना बोझ पड़ेगा, जिसको वहन करने के लिए इतनी राशि उसे चाहिए। मुफ्त बिजली को लेकर सब्सिडी सरकार देगी, वो पैसा सरकार की तरफ से आएगा, लेकिन वो भी नए टैरिफ के अनुसार ही।
घरेलू उपभोक्ता को सब्सिडी देती है सरकार
प्रदेश सरकार घरेलू बिजली उपभोक्ता के लिए सब्सिडी देती है। 125 यूनिट तक बिजली बोर्ड ने मुफ्त कर दी है, वहीं 125 यूनिट से ऊपर भी 1 रुपये प्रति यूनिट तक सब्सिडी मिलती है। किसानों को भी सब्सिडी दी जा रही है। सरकार पर सब्सिडी का 900 करोड़ सालाना भार हो चुका है।